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शासकीय नेहरू महाविद्यालय में मनाई गई स्वामी विवेकानंद की पूण्यतिथि


Venue : शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोंगरगढ़
Date : 04-07-2022
 
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शासकीय नेहरू महाविद्यालय में मनाई गई स्वामी विवेकानंद की पूण्यतिथि 

डोंगरगढ़। शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोंगरगढ़ में 04 जुलाई सोमवार को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार जाम्बुलकर के दिशा-निर्देशन में एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत , भारतीय संस्कृति एवं आध्यात्म को सम्पूर्ण विश्व में गौरव दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद जी की 120 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार जाम्बुलक, आई.क्यू.ए.सी. प्रभारी डॉ. श्रीमती ई.व्ही.रेवती, एन.एस.एस. के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आशा चौधरी एवं बी.आर.सिवारे के द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण के साथ किया गया। कार्यक्र्रम में उपस्थित महाविद्यालय के अधिकारी -कर्मचारियों एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार जाम्बुलकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपनी तेजस्वी वाणी के जरिए पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद ने केवल वैज्ञानिक सोच तथा तर्क पर बल ही नहीं दिया, बल्कि धर्म को लोगों की सेवा और सामाजिक परिवर्तन से जोड़ दिया। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। 1884 में उनके पिता विश्वनाथ दत्त की मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद अत्यंत गरीबी की मार ने उनके चित्त को कभी डिगने नहीं दिया। संगीत, साहित्य और दर्शन में विवेकानंद को विशेष  रुचि थी। तैराकी, घुड़सवारी और कुश्ती उनका शौक था। विवेकानंद ने तत्कालीन भारतीय समाज में व्याप्त संकीर्णताओं एवं कुरीतियों का विरोध किया। उनका मत था कि सामाजिक धार्मिक परम्पराओं एवं मान्यताओं को तभी स्वीकार करना चाहिये जब वे उचित जान पड़े। उन्होंने स्त्री पुनरूस्थान की बात कही। अमेरिका में उन्होने रामकृष्ण मिशन की अनेक शाखाएं स्थापित की। 4 जुलाई 1902 को अल्प आयु में ही उनका निधन हो गया। वे भारतीय संस्कृति एवं युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणास्त्रोत रहेंगे। कार्यक्रम में महाविद्यालय के एन.एस.एस. के पुरूष एवं महिला इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आशा चौधरी एवं बी.आर.सिवारे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी -कर्मचारी एवं एन.एस.एस. के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहा.प्राध्यापक श्रीमती सोनाली लोया एवं आभार प्रदर्शन सहा.प्राध्या. गुलशन सिन्हा ने किया।