विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने हर जन्मदिन पर एक पौधा लगाने एवं उसका संरक्षण करने का लिया संकल्प
नेहरू महाविद्यालय मेें मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस
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डोंगरगढ़। स्थानीय शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गत 5 जून को महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना एवं राष्ट्रीय सेवा कोर (एन.सी.सी) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार जाम्बुलकर के दिशा-निर्देशानुसार एन.सी.सी अधिकारी लेफ्टि. आर.आर.कोचे एवं एनएसएस के कार्यक्र्रम अधिकारी बी.आर.सिवारे के नेतृत्व में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारियों सहित एनसीसी एवं एनएसएस के छात्र-छात्राओं द्वारा महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर आईक्यूएसी प्रभारी एवं वरिष्ठ सहा.प्राध्यापक डॉ. ई.व्ही रेवती ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआतरू मानव द्वारा अपने हित के लिए निरंतर पृथ्वी के संसाधनों का दोहन करने के कारण होने वाली क्षति को रोकने और पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण दिवस की शुरुआत की गई। मानव ने पिछले 200 वर्षों में अपनी उन्नति और प्रगति के नाम पर प्रकृति का जो शोषण किया है, उसी का परिणाम है जो आज हम अपने पर्यावरण में परिवर्तन देख रहें है। यदि इस पर अब भी दृढ़ता के साथ विचार नहीं किया गया, तो आने वाले समय में हमें इसके भयंकर परिणाम भुगतने होंगे। एन.सी.सी अधिकारी लेफ्टिे. आर.आर.कोचे ने बताया कि पर्यावरण दिवस विषय की गंभीरता मानव ने हमेशा अपने विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने का प्रयास किया है इसके लिए विश्व के सभी देश अपनी प्रगति के लिए प्रकृति के संसाधनों का वहन कर रहें है जिसका परिणाम है कि प्रदूषण तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। हम अपनी सुख-सुविधा के लिए निरंतर पेट्रोलियम जैसे पदार्थाे का उपयोग करते हैं, घर को वातानुकूलित रखने के लिए ए.सी का उपयोग करते हैं तथा साथ ही कारखानों से निकलने वाले जैविक पदार्थ जो सुविधा के अनुसार कहीं भी छोड़ दिए जाते हैं, प्रदूषण को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे रहें हैं, जिससे हमारी पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में यदि इसे अभी भी कम न किया गया, तो मानव सभ्यता का नाश होने में अधिक समय नहीं लगेगा। इस प्रदूषण का भयानक परिणाम यह हो सकता है कि इस पृथ्वी पर जीवन की परिकल्पना करना भी असंभव हो जाएगा। एन.एस.एस. के कार्यक्रम अधिकारी बी.आर.सिवारे ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमें जीवन भर हमारे पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिए। यह तभी संभव है जब हम अपनी आँखें खुली रखें और अपने भीतर एवं वातावरण में कुछ सकारात्मक बदलाव लाएं। हमें अपने बच्चों को भी इस समस्या प्रति जागरूक करना चाहिए ताकि वे भी पर्यावरण सुरक्षा के अभियान के प्रति जागरूक हो सकें तथा भविष्य में इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं। पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से वर्ष 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में एक विशेष दिन की स्थापना संयुक्त राष्ट्र संघ ने की थी। दुनिया भर में तकनीकी विकास की खुशी में, हम यह भूल गए कि हम विकास के साथ बहुत कुछ खो रहे हैं। विकास की गतिविधियों ने हमें प्रकृति से दूर कर दिया हैं और हमारे कई प्राकृतिक धरोहर समाप्त हो गए है। हमारी गलतियों जैसे कि बिजली का अत्यधिक उपयोग, वनों की कटाई, औद्योगीकरण, सीवेज का सीधे नदियों एवं नहरों में निपटान, पोलिथीन का हानिकारक अविष्कार एवं इस्तेमाल आदि द्वारा पर्यावरण को अत्यधिक नुकसान पहुंच रहा है। अंत में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी-कर्मचारियों सहित एन.एस.एस. एवं एन.सी.सी के छात्र-छात्राओं द्वारा पर्यावरण संरक्षण की शपथ लेते हुए अपने प्रत्येक जन्मदिवस के अवसर पर एक पौधा लगाने उसके संरक्षण का संकल्प लिया। इस अवसर पर सहा.प्राध्यापकगण श्रीमती सोनाली लोया, ओमप्रकाश वर्मा, गुलशन सिन्हा, हेमुराम पदमे, अविनाश सिंह, बेदप्रकाश साहू , सहित महाविद्यालय के कर्मचाारीगण जे.के.देवांगन, संजय तिवारी, के.जी. सोनकर, बीएस मंडावी, विवेक श्रीवास, संदीप गजभिये, शैलेन्द्र यादव सहित एन.एस.एस.के दलनायक विक्की रामटेेके उपदनायक राजाराम सहित एन.एस.सी. एवं एन.एस.एस.के स्वयं सेवक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।